शिव जी द्वारा ब्रह्मा-विष्णु को वर देना।।।
।। शिव जी द्वारा ब्रह्मा-विष्णु को वर देना।।
तदनन्तर स्तुतिसे प्रसन्न होकर महादेवजी ने कहा कि
में आप दोनोंपर प्रसन्न हूँ।
आप दोनों महाबली देवता पूर्वकालमें मेरे शरीरसे उत्पन्न हुए थे। सम्पूर्ण लोकोंके पितामह ये ब्रह्मा मेरे दक्षिण (दाँयें) अंगसे तथा विश्वात्मा
ये विष्णु मेरे बायें अंगसे उत्पन्न हुए। मैं आप दोनोंपर अत्यन्त प्रसन्न हूँ, अतएव यथेच्छ वर माँगो, मैं उसे तत्काल दूँगा।
तब लिङ्गमें विराजित महेश्वरको प्रणाम करके प्रसन्न मनसे नारायण विष्णुने कहा कि यदि आपके हृदयमें प्रीतिभाव उत्पन्न हुआ है तो
यही वर दीजिये कि आपके प्रति हम दोनोंकी सदा दृढ़ भक्ति बनी रहे ।
महादेवने ब्रह्मा तथा विष्णुको अपनी अचल श्रद्धा भक्ति प्रदान की।
No comments